Tuesday 21 August 2012

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प्रेषक : प्रतीक
सभी पाठकों को मेरा प्रणाम, मेरा नाम प्रतीक है मैं रतलाम में रहता हूँ और म्य्देसिपाणु का नियमित पाठक हूँ।
दोस्तो यह बात फ़रवरी के महीने की हैं, रतलाम मे मेरी दूर के रिश्ते की मासी के लड़के की शादी थी उसमे मुझे एक भाभी मिली जिसका नाम प्रीति था। बात करने पर पता चला कि वो दूर के किसी रिश्ते मे मेरी भाभी लगती है। उसका रंग सांवला था हाइट करीब ५’५” होगी दिखने में एक दम सेक्सी थी उसका फिगर ३४-२८-३२ का था।
मैने गौर किया कि वो सुबह से ही मुझमें रुचि ले रही है। साथ में घूमना, खाना, इधर उधर की बातें करना।
दिन की बात है वो मुझे घूर रही थी, तभी अचानक मैंने उनसे कहा, “भाभी देखते हैं कौन बाद में पलक झपकता है !”
तो उन्होने अपनी आँखे बंद कर ली तो मैने कहा, ” लो आप तो हार गयी लाओ मेरा इनाम !”
तो उसने कहा, “माँग लो आपको जो भी माँगना हो !”
उसकी इस बात से मेरा नज़रिया थोड़ा बदल गया लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई, मैने उनसे कहा, ” रहने दो आप नहीं दे पाओगी !”
मेरा ऐसा कहने पर उसने कहा, ” मुझे पता है आपको क्या चाहिए !”
मैंने कहा, “क्या ?”
तो वो बोली, ” आपको किस चाहिए ना !”
उसके मुख से ऐसी बात सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैने उसे अपनी बाहों में लेकर किस कर दिया। उसने मेरा पूरा साथ दिया लेकिन तभी कमरे का दरवाजा बजा और हम अलग हो गये, लेकिन अब हमारी तड़फ़ बढ़ने लगी थी । फिर शाम को रिसेपशन के समय उसने लाल रंग का लांचा पहना था। वो बहुत सेक्सी लग रही थी। उन्होने मुझसे कहा, ” आज से मैं आपकी भाभी नहीं बीबी हूँ, आप मुझे जैसे चाहो खा सकते हो !”
फिर हमने जल्दी जल्दी खाना खाया और मेरे दोस्त की गाड़ी लेकर हम घूमने चले गये और फिर एक होटेल में मैंने उसे ५ बार अलग अलग तरीके से चोदा।
वो मैं आपको अपनी अगली कहानी में कहूँगा । लेकिन एक बात तो अभी कहना चाहता हूँ कि भाभी को चोदने में जितना मज़ा आता है उतना तो गर्ल फ्रेंड को चोदने में भी नही आता !
फिर मिलेंगे धन्यवाद …….

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