Monday 20 August 2012

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मेरा नाम रॉनी (बदला हुआ) है, उम्र 25 साल, कद 5’8″, देखने में सुन्दर और एक अच्छे अमीर घराने से हूँ, जमीन-जायदाद का व्यापार करता हूँ…
मैं बहुत समय से म्य्देसिपानु का पाठक हूँ और मुझे म्य्देसिपानु बहुत पसंद है तो मैंने फैसला किया कि मैं भी अपनी ज़िन्दगी की सच्ची कहानी जो मेरे साथ घटित हुई है, आप सबसे साझा करूँ !
दोस्तो, यह कहानी शुरू होती है चार महीने पहले !
मेरा एक मित्र है संजू (बदला हुआ नाम) जिसकी उम्र 27 साल है, उससे मेरी मित्रता दो साल पहले हुई थी। वो थोड़ा मोटा है उसकी सेहत अच्छी है लेकिन वो व्यव्हार में अच्छा है पर कभी कभी मुझे उसकी हरकतें लड़कियों की तरह लगती थी, उसकी आवाज़ फ़ोन पर लड़कियों की तरह आती थी।
हम अक्सर साथ साथ नग्न फिल्में देखते थे। एक साल पहले उसकी शादी हो गई। उसकी पत्नी 24 साल की है और मैं उन्हें स्वीटी भाभी कह के बुलाता हूँ !
स्वीटी भाभी देखने में बहुत अच्छी हैं, पतला बदन, गोरा रंग और उनका व्यव्हार भी बहुत अच्छा है।
शादी के बाद संजू के यहाँ जाना मैंने थोड़ा कम कर दिया था पर हम कभी कभी साथ साथ फिल्म देखने चले जाते और किसी होटल में खाना खाते !
शुरू शुरू में तो सब सामान्य था पर शादी के छः महीने बाद मैंने देखा कि स्वीटी भाभी मुझसे ज्यादा ही बातें करने लगी थी और बहुत बार संजू के सामने भी वो गुंडी बात कह देती थी और हंस देती थी, मैं भी हंस देता था पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि संजू मेरा अच्छा दोस्त है।
एक दिन मैंने संजू को किसी काम से फ़ोन लगाया तो स्वीटी भाभी ने फ़ोन उठाया, भाभी ने कहा- आपने तो आना ही बंद कर दिया?
मैंने कहा- भाभी, जरा व्यस्त था !
फिर भाभी बोली- कोई लड़की मिल गई है क्या?
मैंने कहा- नहीं भाभी !
और मैं बात को टालते हुए बोला- संजू कहाँ है?
स्वीटी भाभी बोली- बाथरूम में हैं एक घंटे से ! अब आप ही समझाओ कि अब शादी हो गई, अब तो बाथरूम में इतना समय मत लगाया करो !
और हंसने लगी।
मुझे एक झटका सा लगा कि भाभी ज्यादा ही गुंडी बातें कर रही हैं।
मैंने कहा- ठीक है ! बाहर आते ही मेरी बात करवाना !
मैं स्वीटी भाभी से कटा कटा रहने की कोशिश करता था, उनसे दूरी बना कर रखता था ताकि मेरी भावनाएँ किसी दिन भड़क न जाएँ !
एक रविवार को संजू के मोबाइल से फ़ोन आया- यार, तू कहाँ है? आज इतवार है, मैं और स्वीटी घर पर अकेले हैं, मम्मी-पापा बाहर गए हैं, तू घर आ जा !
मैंने कहा- ठीक है, आता हूँ मैं !
मैं ठीक 11 बजे संजू के यहाँ पंहुचा और घण्टी बजाई, स्वीटी भाभी ने दरवाजा खोला और हंसते हुए हेलो कहा।
स्वीटी ने नीली जींस और गुलाबी टॉप पहन रखा था, वो बहुत सुन्दर और सेक्सी लग रही थी….
हम संजू के कमरे में चले गए। वहाँ कोई नहीं था, मैंने कहा- भाभी, संजू कहाँ है?
भाभी बोली- उनका कोई फ़ोन आ गया था तो वो कह कर गए हैं कि अभी आता हूँ !
मैंने संजू के मोबाइल पर फ़ोन लगाया तो बंद आ रहा था।
भाभी मेरे लिए पानी लाई और मुझसे थोड़ी दूर जाकर बैठ गई। मैं उनके बिस्तर पर ही बैठा था।
भाभी बोली- आप तो आते नहीं? क्या कोई मिल गया जो हमको भूल गए?
मैंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं !
फिर भाभी बोली- आपके दोस्त ने मुझे सब बता दिया है कि आप दोनों क्या क्या करते थे शादी के पहले ! रोज गन्दी गन्दी फिल्में देखते थे ना?
और वह हंसने लगी। मेरी पूरी काया में कर्रेंट सा दौड़ने लगा। भाभी हंसते हुए इतनी हॉट लग रही थी ! मुझे समझ में नहीं आ रहा था क्या करूँ?
फिर भाभी बोली- आप इतना शरमाते क्यों हैं? देखिये आपको पसीना आ रहा है !
और वो मेरे पास आकर मेरे माथे पर हाथ लगा कर कहने लगी- देखिये कितना पसीना आ रहा है !
वो बिल्कुल मेरे पास खड़ी थी और मैं बैठा था, उनके वक्ष मेरी नाक के पास थे।
तब मुझसे अपने पर काबू रखना मुश्किल हो रहा था।
अचानक भाभी मुझसे चिपक गई। मैं बैठा था और भाभी मुझसे लिपट गई।
मैंने कहा- भाभी, यह क्या कर रही हो?
तो वो मुझे गाल पर चूमने लगी और कहने लगी- मैं तुम्हें चाहती हूँ !
और बार बार मुझे चूमने लगी। मैं भी अपने आप पर काबू नहीं रख पाया और मैंने भी उन्हें बाहों में जकड़ लिया फिर उनके होठों पर चुम्बन करने लगा और चूसने लगा..
स्वीटी भाभी अपना एक हाथ मेरी जींस की जिप पर फिराने लगी और मैंने अपना हाथ उनके टॉप में डाल दिया और उनके उरोज दबाने लगा। फिर मैंने उनका टॉप खोल दिया तो उनकी सफ़ेद ब्रा दिखी, मैंने ब्रा भी खोल दी।
अब स्वीटी भाभी सिर्फ जींस में थी। उनके स्तन ज्यादा बड़े नहीं थे पर कठोर थे, उनके चुचूक बिल्कुल गुलाबी थे, मैं उन्हें चूसने लगा और वो गर्म साँसें छोड़ रही थी।
फिर मेरी जींस का बटन खोल कर स्वीटी भाभी मेरी जींस खोलने लगी। मैंने अपना शर्ट उतर दिया, उन्होंने मेरी जींस !
मैं सिर्फ अण्डरवीयर में था। वो ऊपर से मेरा लण्ड दबाने लगी और फिर उन्होंने मुझे पूरा नंगा कर दिया।
उनकी आँखों के सामने मेरा लण्ड हिचकोले खा था, उन्होंने थोड़ी देर मेरा लण्ड देखा फ़िर बोली- कितना मोटा है आपका !
और फिर उन्होंने मेरा लण्ड अपने हाथो में पकड़ लिया, ऐसा लग रहा था कि काश स्वीटी भाभी मेरा लण्ड हमेशा अपने हाथो में रखे रहें !
स्वीटी ने जींस पहन रखी थी तो मैंने भाभी की जींस का बटन खोल दिया।
भाभी अपनी जींस पैंटी समेत नीचे सरकाते हुए बिस्तर पर लेट गई और अपनी चूत की तरफ इशारा करके बोली- रॉनी, चाटो ना इसे !
और मैं स्वीटी की चूत अपनी जीभ से चाटने लगा।
दोस्तो, भाभी की चूत इतनी चिकनी थी कि ऐसा लगा जैसे भाभी ने अभी कुछ देर पहले ही चूत के बाल साफ़ किये हों !
मैं खूब मजे ले लेकर भाभी की चूत चाट रहा था और भाभी सिसकारियाँ भर रही थी- आह ! उफ़्फ़….अम्मं…आ…..आम्मं….अह…..
इतने में किसी ने जोर से धक्का देकर दरवाजा खोला तो मैंने देखा- सामने संजू खड़ा था !
वो भाभी और मुझे देख रहा था और भाभी और मैं नंगे थे ही !
मैं डर गया !
इतने में संजू ने जल्दी से खुद के कपड़े उतार दिए और नंगा होकर भाभी से चिपक गया।
मुझे कुछ समझ में नहीं आया।
फिर भाभी ने मुझे देखा और हंस कर बोली- यह सब हमारी दोनों की योजना थी !
संजू मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था !
संजू भाभी के ऊपर चढ़ भाभी को चूमने लगा तो स्वीटी भाभी बोली- रॉनी आओ ना !
और भाभी ने मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और संजू भाभी की चूत चाटने लगा।
भाभी बहुत प्यार से मेरा लण्ड चूस रही थी और संजू को भी बहुत मजे आ रहे थे, ऐसा लग रहा था जैसे कोई नग्न फिल्म चल रही हो !
फिर संजू ने अपना लण्ड भाभी की चूत में डाल दिया और कुछ ही देर में पानी निकाल दिया।
तब भाभी बोली- रॉनी अब तुम मेरी चूत में लण्ड डालो !
मैंने भाभी की चूत में लण्ड डाला और धक्के देना शुरू किया।थोड़ी देर बाद मेरा भी पानी निकलने वाला था तो मैंने लण्ड बाहर निकाला और भाभी की चूत के ऊपर पिचकारी छोड़ दी ! आह !
उफ़्फ़….इतना मजा आया…
फिर भाभी संजू और मैं हम तीनों बिस्तर पर नंगे लेटे रहे।
मैंने कहा- भाभी, यह सब क्या किया?
भाभी बोली- रॉनी हम रोज-रोज एक जैसी चुदाई कर कर के परेशान हो गए थे तो हमने ऐसा करने की योजना बनाई।
संजू बोला- मुझे तुम्हें छिप कर देखने में बहुत मज़ा आ रहा था ! मैं बहुत ज्यादा गर्म हो रहा था !
उसके बाद हमने दिन भर सेक्स किया और जब भी हमें मौका मिलता है हम सेक्स करते हैं।
दोस्तो, आपको मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी मुझे enjoy5549@yahoo.com पर जरूर लिखें, मुझे आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा…

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